ववशवास की अच् छी लड़ाई लड़ना - Fight the Good Fight of Faith Hindi, v.2

पठ 7 शत्रु जिससे हम लड़ते • 101 7. यीशु के रे में हरेक घोषण कार् जो हम सुनते हैं सह नहं है| इसलिये, हमें आत् माओं की परख करनी हिए, क् ोंकि जो हम में स करते है वह इस दु के वामी से बड़ है| पढ़ें 1 यूहन् ना 4.1-6| a . तुम आत् माओं की परख कैसे करोगे, उदहरण के लिए, कैसे तुम परमेश्र की आत् मा की पह न करोगे? ( v . 1-3)

b . पवित्र आत् मा (जो तुम में है) उनकी अपेक्षा बड़ा है जो ___________ __________________________________ ( v .4)|

8. जब हमें गलत समझ जत है, तिर र जत है, हमरे विश्वास के करण दूसरे हमसे घृण करते हैं तब हमें आश्चर्यचकित भु क होने की आवश् कत नहं है| हम यीशु के पद चिन् ों पर चलते हैं, जिन् ोंने इन् हीं चीजों क अनुभव | निम् नलिित पवित्र स्त्र को पढ़ें और प्रश्नो क उत्तर दें| a . पें यूहन् ना 15.18-21| क् ों संसर हम से घृण करत है? b . पढ़ें 1 यूहन् ना 3.11-15| यदि संसर हमसे घृण करत है तो क् ों हमें आश्चर्यचकित नहं होन हिए? c . पढ़ें कूब 4.1-7| शैतन (जो संसर को नियंत्रित करत है) को हमरे कर से भगन है तो हमें क् या करन है? पवित्र स्त्र के अनुसर, शैतन तथ मनवज क पहले जोड़ ने परमेश्र की व् यवस् था तथ सन के विरुद् विद्रह , और उनके विद्रह ने ब्म् हाण् को युद् में धकेल | जब से मनवज अदन की क में पप में पतित हुआ तब से परमेश्र ने निश् य कर कि वह शैतन और उनके विद्रह के सृष्टि में उनके प्रिय पुत्र को भेजकर उसी सृष्टि में उसे पर त करेगे| यीशु हमरे संसर में आए जिससे वह शैतन को हर सके, हमरे पपों क भुगतन कर सके, और परमेश्र के रज् की सम् पू र्त को पस ल सके| इस संसर में नसरत के यीशु के कम के लिए परमेश्र क धन् यवाद दे, क् ोंकि उनके वजह से शैतन हर ग है, परमेश्र क रज् आ है, और इस रज् को उन सब के लिए ग है जो उन पर विश्वास करते हैं| अब हमने मसीह में विश्वास है, हम अंधकर के रज् से उनके प्रिय पुत्र के रज् में आये हैं (कुलु. 1.13)| अब हम लड़ाई में ल हुए हैं; इस युद् में हम योद्धा हैं| हमें हमरे प्रभु को प्रस्तुत करने के लिए बुल ग है, दुष्ट की समर् थ् पर जय पने के लिए जो परमेश्र की सृष्टि को चोट पहुँ त हैं| इस युद् में, कोई भी उदसीन नहं रह सकत है| हमर शत्रु, शैतन आत् मक सेन की अगु ई करत है तथ उनको निरदे श देत है कि लोगों के जीवनों को उनके चतुरई एवं धो से न कर सके| पप में गिर हुई वैश्वक पद्धत हमरे आतंरिक इच् छाओं के सथ मिलकर हमरे जीवनों में परमेश्र की इच् छा

साराश

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