ववशवास की अच् छी लड़ाई लड़ना - Fight the Good Fight of Faith Hindi, v.2

142 • विश्वास की अच् छी लड़ई लड़न

परिशिष्ट 6 पहले से समय के परे तक परमेश्र की योजन और मनव इतिहस सुज़न् न डे दिएत्रिच से ग है| गॉडस अन् फोलडि ग पर्पस| फिलडेल् फिया: वेस्टमिन्स् र प्रेस, 1976| I. समय से पहले (अन काल से पूर्व) 1 करि. 2.7 A . अनंतकल क त्रिएक परमेश्र B . परमेश्र क अनंतकल क उद्ध श् C . अपर ों क रहस्य D . अधिकर और समर् थ् II. समय का आरभ (सृष्टि और पाप में गिरना) उत् . 1.1 A . सृजनत् क वचन B . मनवत C . पप में गिरन D . मृत् य की प्रभुत और अनुग्ह क पहल चिन् III. समय का प्रग होना (परमेश् र की योजना इस् रएल के द्धारा प्रग हई) गला. 3.8 A . प्रतिज्ञा (मूलपुरुष) B . निर्गमन तथ सिनै पर्वत पर C . प्रतिज्ञा की भूमि D . शहर, मन् दर, और सिंहसन (भविष् द्क्ता, जक, और रज) E . बन्आद ई F . बचे हुए लोग IV. समय का पूरा होना (मसीहा का देहधारी होना) गला. 4.4-5 A . रज उनके रज् में आ B . उनके सन क वर्तमन विकत C . रज् क रहस्य: पहले से ह पर अब तक नहं D . बलिदन हुआ रज E . जी उठ प्रभु V. पिछले समय (पवित्र आत् म का उतरना) प्रेरितों के काम 2.16-18 A . समय के बीच: कली रज् के पहले क वाद B . कली रज् क एजेंट् C . अंधकर तथ ज् योत के रज् के बीच संघर्ष VI . वादा किए गए समय का पूरा होना (दूसरा आगमन) मत् त 13.40-43 A . मसीह क पस आन B . न् याय C . उनके रज् क अंत VII. समय से परे (भविष् का अन काल) 1 करि. 15.24-28 A . रज् परमेश्र पित सौंप ग B . परमेश्र सब में सब कुछ

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