ववशवास की अच् छी लड़ाई लड़ना - Fight the Good Fight of Faith Hindi, v.2
पठ 2 हमर सूची • 31 2. विश्वास के द्वार परमेश्र के अनुग्ह से हमें पप और मृत् य से उद्धार मिलत है| पढ़ें इफिसियों 2.1-10| a . मनुष् ों के मन फिरने और मसीह में विश्वास करने से पहले प्रेरित* ने शैतन ("आक के समर् थ् के ह म"), के सथ उनके संबंध क वर्णन कैसे है?
b . परमेश्र ने उनकी द से जब आपक उद्धार तीन सत् चीजों को सूचीबद् करें| i.
उसके पहले के
ii.
iii.
c . हम कैसे ए गए हैं? (सह उत्तर चुने): i. विश्वास के द्वार अनुग्ह से (परमेश्र क एक वरदन के समन) ii. अपने अच् छ कमों के द्धार (जिससे तुम घमंड कर सको)
d . हम किस उद्ध श् से ए गए हैं – अब जो हम ए गए है तो परमेश्र क् या हत है कि हम बनें करें?
3. हमें स्वतंत्रत देने और सृष्टि तथ मनवज को पूर्वाव में लेने के लिए यीशु ह एक है जिसने शैतन को हर है| पढ़ें लूक 11.14-23 a . जब यीशु ने एक गूँगे मनुष् के अन् र से शैतन को निकल तो उनके शत्रुओं ने उस पर किस तरह क दोष लग ?
b . जो रज् स्वंय में विभ त होत है उनके स्वभ के रे में यीशु ने अपने उत्तर में क् या सुझ है?
*प् रेरित – प्रेरित क अर्थ है "जिसे भेज ग है|" इबिल में इस शब् क इस्तेमल दो तरह से हुआ है| अनेक र, जैसे कि इस मुददे पर हुआ है, यह उन लोगों क ह ल देत है जिन्ें यीशु ने व् यतिगत रूप से उनके कार् को पूर करने के लिए भेज है, इसमें वे 12 भी शामि ल हैं जो उनके सथ उनके पृथ् व पर कि सेवकई में शामि ल थे, और पौलुस के समन व् यति जिसने यीशु से नियत कम को प्रेरितों के कम 9 में प्त क | प्रेरितों की आँखों देखी ग ह हमरे लिए महत् पूर्ण है क् ोंकि उनकी ग ह में वह सब कुछ है जिसे वे मसीह के रे में द है (देखें 1 यूहन् ना 1.1-4 और 2 पतरस 1.16-18)| इसलिये निसेन धर्म सिद्धांत हमरे विश्वास को "प्रेरितई" कहत है; हम इबिल तथ मनुष् के इतिहस की हमर व् याख् या जो कुछ प्रेरितों ने कह है उस पर आ रित करते हैं| दूसर तरह से शब् "प्रेरित" क इस्तेमल (उदहरण के लिए, इफिसियों 4.11) उन वरदन पें हुओं के लिए क ग है जिन्ें आत् मा के विशेष कार् मिशन क ह ल देकर भेज ग है| आज हम उन्ें "मिशनर" कहते हैं, उदहरण के लिए वे लोग जिन्ें विशेष उद्ध श् से भेज जत है जैसे कि कलीस ओं को स्थापि त करन|
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