ववशवास की अच् छी लड़ाई लड़ना - Fight the Good Fight of Faith Hindi, v.2
पठ 3 हमें मिलने वाला प् रवे श • 43 स्वंय के शरर, उनके पर र, और दूसरों के सथ उनके संबंध को चोट पहुँ त थ| निर और थक हुआ, एक दिन उन् ोंने कह, "अब हो चुक! मैं नहं सोचत हूँ कि मेर मसीह जीवन मैं कली के लोगों के सथ जी सकत हूँ| वे सभी अच् छ लोग हैं, परन् त मैं कहँ से आ हूँ उन्ें मलूम नहं है| मैं सोचत हूँ कि मैं मसीह के सथ चलन हत हूँ, परन् त मैं अब घर पर रहन हत हूँ, और मैं स्वंय ह प्रभु के सथ चलूँग|" तुम उनके निर्णय के रे में क् या कहन हते हो, क् या यह अच् छा है, और यदि नहं तो क् ों नहं? पिछले सत्र में ( हमारा सूचीबद्ध होना ) हमने सी कि जब हम मूर् तियों एवं पप से परमेश्र की ओर फिरते हैं और जी उठे प्रभु नसरत के यीशु पर विश्वास करते हैं, तो हम उसी क्ण प्रभु की सेन में शामि ल होने क निर्णय करते हैं, और शैतन के रज् से स्वंय परमेश्र के पुत्र के रज् की ओर जते हैं| अब हम उस धन की खोज करेंगे जो हमरे पस है, विश्वास के द्वार हम मसीह के सथ जुड चुके हैं, और कहने के लिए "मसीह में" हैं| यीशु के सथ हमरें मेल हमें विश्वास क न स्तर और परमेश्र के सम् मु (हमर स्थिति) संबंध उपलब् करत है, भलई की स्थिति, अपन जन, और उनके रज् के उनके सन् तान एवं नगरिक के समन आशीषित करत है| इसके अतिरिक्, "मसीह में" होन दिन प्रतिदिन उनके सथ चलने में हमें बल देत है जैसे हम विश्वास की अच् छी लड़ाई लडते हैं, और पवित्र आत् मा में चलने की समर् थ् को प्त करते हैं (हमर परिस्थिति)! न नियम के अनुसर, प्रत् य क व् यति जो यीशु पर विश्वास करत है पवित्र आत् मा के कम से मसीह में लेत है (जुडन) ( cf . 1 कुरिन् थिों 12.13 – पौलुस कुरिन् थिों से कहत है कि केवल एक आत् मा के कम से उन सब ने विश्वास से एक देह में है – हे वे यहूद हों यूननी, हे वे गुलम हों स्वतंत्र पुरुष स्त्री हों| वे सभी जो मसीह के हैं परमेश्र क एक ह पवित्र आत् मा उन्ें ग है|) जब मसीह में आत् मा क होत है (हम में र जत है), तो हम न केवल परमेश्र के क्रो से बचते हैं, पर उनकी उपस्थिति में अनंतकल क पूर्ण आनंद मिलत है, और हम एक न स्तर और परमेश्र के सथ संबंध भी प्त करते हैं, जो विशेषकर हमें जत है क् ोंकि अब हम मसीह में एक किए गए हैं (परिशिष्ट में देखें "मसीह में 33 आशीषें)| सचमुच, हम कई आशीषों के सथ आशीषित हुए हैं, क् ोंकि हमरे उद्धार के लिए हमने मसीह में भरोस है| हमरे पपों को क्म ग है (इफि. 1.7; Col . 1.13), हमने परमेश्र के सथ मेल-मिलप कर है, उनके सथ संगति में पस आये हैं (2 कुरि. 6.18-19), और हमें पित के घरने में उनके नये सन् तान के समन अपन ग है (रोमि. 8.14-15, 23)| मसीह में कई लभों में एक है हमर नई सदस्यत और कली , मसीह की देह में हमरें न| विश्वास के द्वार, हम हर कहं सभी विश्वासियों से जुड़ हैं, और हमें ऐस विशेष िकर ग है कि भरोस कर सकें तथ बढ़ सकें और एक प्रज के समन रज् की से कर सकें|
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