ववशवास की अच् छी लड़ाई लड़ना - Fight the Good Fight of Faith Hindi, v.2
पठ 4 हमें • 57 नहं जनत हूँ| वह कैसे मेर चर ह हो सकत है यदि मैं उसे जनत ह नहं| तुम इस नये विश्वासी को क् या सलह दोगे – पस न के सथ उनके संबंध क अभ होने के रे में तुम क् या विश्वास करते हो कि परमेश्र क मकसद आपके लिए क् या है? 3. "तम कैसे वास् व में जानते हो कि आपके पास पवित्र आत् म है?" एक ज न मसीह की तचीत बस में बैठे एक व् यति से हो रह थी जिसने कह कि वो "पेंतेकोस्तल" मसीह है यह सुनकर वह अचंभित हुई| इस व् यति ने उसे बत कि उसके पवित्र आत् मा प्त करने की आवश् कत है, जिससे वो पहले "पवित्र आत् मा क बप " पएंगी फिर द में वो अन् भष में तें कर* सकती है| ज न बहन ने उनके उत्तर में कह, "पिछले स ह मैंने इबिल अध् यन में सी है कि जो कोई मन फिरत है और यीशु पर विश्वास करत है उस पर पवित्र आत् मा की प है, और जब लोग विश्वास करते हैं तो पवित्र आत् मा तत् काल उनके सथ रहने लगत है| सथ में हमने सी है कि मसीह की देह में पवित्र आत् मा हमें दूसरे मसीह ों की से करने में मदद करत है, और अन् भषओं में तें करन आत् मा क एक वरदन है, परन् त क् या प्रत् य क मसीह के पस सरे वरदन होने हिए? यह कैसे कम करेग?" उस बहन ने पवित्र आत् मा के विषय में और अधिक रूचि ली, उसे सीखने के लिए कैसे आगे बढ़न हिए? पिछले सत्र में ( हमें मिलने वाला प्रवेश द्धार ) हमने सी है कि जब हम यीशु में विश्वास करते हैं, तो हम ने मसीह में है, और मसीह में आशीषों के रिस भी हैं| अब हम इबिल में पवित्र आत् मा, उनके कम तथ विश्वासियों के जीवन में उनके आशीषों की खोज करेंगे; और देखेंगे कि कैसे वह हमरे बढ़ने के लिए हमें विशेष वरदन तथ क्मतओं को उपलब् करत है और जैसे हम प्रभु के सथ उनकी कहनी में चलते हैं तो मजबूत हो जएँ, एवं विश्वास की अच् छाई लड़ाई लडें| पवित्र आत् मा भविष् के विरसत की निश्चयत (भुगतन) है जिसे हम मसीह यीशु मसीह के पुनरगमन के समय उनके रज् को त होने में प्त करेंगे| नीय कली में आत् मा हर विश्वासी को दूसरे सदस्यों की उन् नत (बनने) के लिए आत् मक वरदनों को देत है| पवित्र आत् मा हर विश्वासी में स करने आत है; कोई भी छूट नहं सकत है क् ोंकि मसीह की देह में प्रत् य क सदस्य को भग लेन है, योगदन करन है, और देह में ल क जन् पवित्र आत् मा के आगमन के सथ हुआ (प्रेरितों के कम 2), विश्वासी उससे वरदनों को प्त , इसमें ल हैं ऐसे भषओँ को बोलने की क्मत जिनको वे समन् त जनते नहं थे कि कैसे तें करन है| यह वरदन न नियम में उल् ले ित है जो विश्वासियों की उन् नत के लिए है (1 कुरि. 12.1-31), जबकि दूसरे उदहरणों में नये विश्वासियों को उसी तरह से भषओँ को बोलने की योग् त द गई जिसे उन् ोंने बोलन नहं सी है, पर केवल विश्वास से मसीह को प्त है (उदहरण के लिए प्रेरितों के कम 10.44-46)| आज कुछ कली ओं में, विश्वास जत है कि प्रत् य क मसीह उस भष को बोलने के नमूने क अनुसरण करें जिसे उन् ोंने कभी बोल नहं है, जबकि दूसरे कें विश्वास करते हैं कि यह पवित्र आत् मा क वरदन है, जो कुछ लोगों को जत है न कि सभी को| और ऐसे भी कुछ कें हैं जो विश्वास करती है कि अन् भषओँ में तें करन केवल आरंभिक कली के लिए थ और यह वरदन आज के विश्वासियों को नहं ग है| * अन् यभाषाओ में बातें करना – जब कली
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