ववशवास की अच् छी लड़ाई लड़ना - Fight the Good Fight of Faith Hindi, v.2

• 63ँ

पठ 4 हमें

सुर, नफर जैस ज, और मशक ज में एक ह तरह के सँस को फूँक जत है, परन् त भिन् वध् यंत्रों के करण भिन् संगीत आत है| वैसे ह एक आत् मा हम परमेश्र के सन् तानों में कम करती है, परन् त भिन् परिणम आते हैं, और उनके द्धार परमेश्र की महिम हर व् यति के स्वभ एवं व् यतित् से होती है| ~ सु सुन् र सिंह| रिचर्ड जे. फोस्टर और जेम् ब्रयान स्मिथ, एडिटेड| दिवोशनल क् लासिकस: र इज् एडिशन: व् यतियों तथ समूहों से चुने हुए को प न| रेनो रे, इंक| (हार् रकॉलिंस पब्लिशर्), न् य यॉर्क | 1993, p . 291|

क् ोंकि परमेश् र ही है जिसने अपनी सइच् छ के निमित् आपके मन में इच् छ और काम, दोनों बातों के करने का प्रभाव ाला है (फिलिप्पिों 2.13)|

मख्

निम् नलिित ममलों तथ रणओं को पढ़ें तथ उन पर मनन करें, और उनके हल के लिए उत्तर तथ अंतर्दृ ष्टि उपलब् करें; यह ऊपर दिए गए आपके मूलपठ के अध् यन पर आ रित होन हिए| 1. क् य पवित्र आत् म कभी भी एक विश् वसी को छोड सकता है? हर विश्वासी कभी न कभी अपने उद्धार पर संदेह करने की पर क समन करत है, ऐस भी सोचत हैं कि पवित्र आत् मा ने उन्ें छोड है| कुछ शिक्षायें द करते हैं कि एक व् यति जिसने मन फिर है और मसीह में विश्वास करत है, उन् ोंने स्वंय परमेश्र क जनबूझकर आज्ञापलन नहं करने के द्धार ऐस कार् हैं जैसे कि वह मसीह क सन् तान नहं हैं| निम् नलिित पवित्र स्त्र के पदों को देखें तथ इन प्रश्नो क उत्तर दें: क् या कभी भी पवित्र आत् मा एक मसीह को छोड सकत है?

मामले का अध् यन

a . 1 यूहन् ना 5.11-13: b . इफिसियों 1.13-14: c . रोमियों 8.31-39:

2. कैसे मैं जान सकता हूँ कि कुछ चीजें पवित्र आत् म की ओर से हैं, न कि मेरे ओर से? यीशु में बढ़ने ले विश्वासी की मुख् सोच उनके स्वंय के वि र तथ स्वंय की तचीत को नियंत्रित करन है| यद्धप हमने उद्धार प है तथ यीशु मसीह के हैं, फिर भी शत्रु हम तक पहुँच सकत है, और कुछ चीजों क सुझ हमें दे सकत है वे न ह प्रभु से हैं न ह हमरे लभ के| न ह हर वि र जो आपके बुद्ध में उठत है प्रभु की ओर से है| दुष्ट झूठ है और एक धोखे ज (यूहन् ना 8.44), और हम पवित्र आत् मा से उस पर जय प सकते हैं (एक जो हम में स करत है) क् ोंकि वह उससे बढ़कर बल न है (1 यूहन् ना 4.4)|

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