ववशवास की अच् छी लड़ाई लड़ना - Fight the Good Fight of Faith Hindi, v.2

पठ 7 शत्रु जिससे हम लड़ते • 97 चलन, संबंध, और स्वभ बदल जें गे तथ रूपंतरित हो जें गे| यह जय हमर है, परन् त इसके लिए हमें लडन है, इसक करन है, और प्रति दिन हर पल इसे लगू करन है| परमेश्र विश्वासियों को निरदे श देत है कि उसके समर्पण में जिए, शैतन क विरोध करें, और केवल तब ह शत्रु हमरे यहँ से भगेग| प्रभु हमें जय केवल तभी देगे जब हम शैतन से लडेंगे और उसके चोट करने, धो देने, और हमें परजय करने के प्र सों क विरोध करेंगे, पर ऐस क् ों है ? पिछले सत्र ( आत्मक उन् ति हमारी खोज ) में आपने सी है कि हमें एक दूसरे से प्रेम करन है तथ नीय कली में एक दूसरे को समर्पण करन हिए| अब शत्रु के रे में आप और ज् याद सीखेंगे जिसके सथ हम विश्वास की अच् छी लड़ाई लडते है| शैतन की वजह से ब्म् हाण् में युद् की स्थिति है, और इस युद् में हम योद्धा हैं| इसके प्रति हमर उदसीनत संभव नहं है| हमर शत्रु शैतन आत् मक सेनओं की अगु ई कर रह है जो कि चतुर तथ खतरनक हैं| वे संसर के पपमय स्वभ और हमरे स्वंय के शररिक अभिलषओं क इस्तेमल परमेश्र के कम क विरोध करने के लिए करते हैं, इसलिये उनके युकतियों के विरोध में हमें सुरकषित रहन है| सथ में हमें इस त को द रखन है कि कोई भी मनुष् हमर शत्रु नहं है| यद्धप हर मोड पर हम आत् मक खतरों क अनुभव करते हैं, परमेश्र हमरे सथ है और यह हमें विश्वास की अच् छाई लड़ाई लडने में मदद करत है, हे शत्रु के प्र स कुछ भी क् ों न हों| यद्धप यीशु ने सभी विश्वासियों के लिए शैतन पर जय प है, पर हम में शत्रु से लडने क स्वभ , आत् -संयम एवं सतर्क त होनी हिए| हमें सचेत तथ जगते रहने की आवश् कत है, क् ोंकि हमर शत्रु (शैतन) निरंतर हमें चोट करने तथ हम पर हमल करने, और हमें न करने को तै र है| शत्रु हमरे मसीह के सथ चलने की रह में, झूठ एवं चेत ों के द्वार वह विश्वासियों को पर त करने, निरुत् साहित करने, और निगलने, और हमें आत् मकत में पर त करने को तत् र है| इसलिये, हमें हिए कि इस त को सीखें कि कैसे प्रभ ली रीति से शैतन क विरोध करें, जिससे उसके विरुद् जीवित रह सकें| हमें स्वंय की उसके हमलों के विरुद् रक्षा करन है, स्वंय को सच् चाई बतन है, और इस त क निश्चय कर लेन है कि हम पूर्णत मसीह पर निर्भर करते हैं| हमें पवित्र आत् मा के समर् थ् में चलन है, और हमरे विश्वास के सच् चाई में दृढ़त से खड़ रहन है| द रखें, इस युद् में हम कभी भी अकेले नहं हैं; क् ोंकि दूसरे विश्वासी जो संसर भर में तितर-बितर हुए हैं उनके स्वंय के युद् में दुःख उठ रहे हैं| हम इस त से निश्चित हो सकते हैं कि यद्धप युद् भयंकर, निरंतर और प्रतिदिन क है, पर अंत में परमेश्र क अनुग्ह अंतत: हमे विजय देग| हमर दुःख उठन कुछ समय के लिए है, परन् त मसीह में जिस महिम क अनुभव हम करेंगे अनंतकल क होग| स्वंय परमेश्र हमें पस ले गे, हमें मजबूत बनएगे, दृढ़त से खड़ रहने में हमर मदद करेगे, और लड़ाई के अंत तक हमें दृढ रखेगे|

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