ववशवास की अच् छी लड़ाई लड़ना - Fight the Good Fight of Faith Hindi, v.2

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पठ 8 हमरे इस्ते

हमारे यद्ध के हथियार इस ससार के नही हैं (2 कुरिन् थिों 10.4)|

मख्

निम् नलिित ममलों तथ रणओं को पढ़ें तथ उस पर मनन करें, और उनके हल के लिए उत्तर तथ अंतर्दृ ष्टि को उपलब् करें, यह आपने ऊपर जिस चीज क अध् यन है उस मूलपठ पर आ रित होन हिए| 1. "हर वह बात जो हमारे मन में आती है वह प्रभ की ओर से नही है| स्रोों को जाँचना सीखें|" नये विश्वासी इस त को समझन सीखें कि उनक मन आत् मक युद् क मैदन है| शत्रु हमरे वि रों तक पहुँच सकत है, और वह विश्वासियों को झूठ क सथ, झूठ बोलन, विकृत विषय को सी त है| यदि इन फरेबों पर विश्वास क जए, तो वे भ नत् क उथल -पुथल, झूठे दृष्टिकोण, और ये विन कर बर्ताव एवं आदतों क करण बन सकते हैं| यद्धप हमरे पस झूठे वि रों और दृष्टिकोणों क समन करने के लिए स्वर्गी हथ र हैं जिनक हम समन करते हैं, फिर भी हमे यह सीखन है कि कैसे हमें "शैतन के झूठ क समन करन है" उदहरण के लिए, शत्रु के द्वार हम पर ले गए झूठ क समन करने के लिए विशेष समय में पवित्र स्त्र क इस्तेमल करन | मत्ती 4.1-11 में शैतन के सथ यीशु के समन होने क वर्णन पढ़ें| कैसे प्रभु ने शैतन के पर ओं क समन क ? उनक हथ र क् या थ? निर्जन न में शैतन ने जो द उनके समने क उन् ोंने कैसे उसक उत्तर द ? आज ये हमरे आत् मक युद् के रे में क् या शिक्षा देते हैं? 2. "मैं कभी भी इस आदत से मक् नही हो पाऊगा| कभी नही|" आज के मइक्रोेव संसर में, हर कोई अपनी जरूरतों को तेजी और तीव्रत से प्त करने क आद हो ग है| कोई बह लम् ब समय तक प्रतीक्षा नहं करन हते है न ह अनुभव की रूचि रखते है | इस तरह क स्वभ मसीह जीवन को बहुत प्रभवित करत है| यद्धप जय, उद्धार, और सुरक्षा यीशु में विश्वास से आते हैं (1 कुरि. 15.57; यूहन् ना 5.24; रोमि. 8.35-39; इफि. 1.3), फिर भी हमें सीखन है कि कैसे लड़ाई करें, और कैसे जय क इंतजर करें| यु मसीह आसनी से निरुत् साहित होते हैं, विशेषकर जब उनकी शुरुआत अच् छ से होती है, और फिर वो असफलत क अनुभव करते हैं| परेँ , परें , और परखन कठिनई और थक देने ले स त होते हैं, और ये हमें तन में लेकर ज सकते हैं| यहँ तक कि मजबूत मसीह भी इस धोखे के जल में फंसकर, पर एवं शैतन के झूठ में पड सकत है| एक हत विश्वासी को जब वे उनके आदत से मुक् होन हते है, पर फिर पप में सलग् होते है और क्म मंगते है फिर पप में पडते है और फिर क्म मंगते है तो उन्ें क् या करन हिए| एक मसीह जो परमेश्र में बढ़ रहे है और जो विश्वास करते हैं कि एक क्ष त्र मुदद उनके लिए बहुत कठिन है और वे सोचते हैं कि वे इस पर जय नहं प सकते हैं तो उनसे आप क् या कहेंगे?

मामले का अध् यन

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