ववशवास की अच् छी लड़ाई लड़ना - Fight the Good Fight of Faith Hindi, v.2
पठ 1 महान कथा में हमारे स् वंय का पाया जाना हमरे कहनी को परमेश्र की कहनी के सथ जोड़न
परमेश्र क महन अनुग्ह हमें जो प्रभु के बुद्ध तथ अंतर्दृ ष्टि पर विश्वास करते हैं बहुत त से द ग है| उन् ोंने हम पर उनके इच् छा के रहस्य को प्रगट क है, जो मसीह में उनके स्वंय के उद्ध श् में लंगर डले हुए हैं, एक महिममय योजन जो अब समय पूर होने पर प्रगट हुआ है, स्वंय परमेश्र की योजन जो सब चीजों को उनके पुत्र मसीह में एक कर रह है, इसमें स्वर्ग और पृथ् व के सर चीजें शामि ल हैं| ~ पौलुस इफिसियों को लिखत है (इफि. 1.8-10) इस सत्र के अंत तक, आप महन कथ में हमरे स्वंय क प जन को विश्वास करने के द्वार अपनओगे: • ब्म् हाण् क परमेश्र, सर्वशकतिमन प्रभु परमेश्र, एकमत्र, सच् चा, और अनंतकल क परमेश्र है, जो तीन व् यतित् ों में है: पित, पुत्र और पवित्र आत् मा| • परमेश्र सरे चीजों क सृष्टिकर्त है, दृश् और अदृश् , और जिसने मनुष् ज को अपने स्वंय के स्वरूप में बन है| • परन् त शैतन तथ पहले मनुष् क जोड़ा की आनज्ञाकरित से, सृष्टि श्रापित हुई, परन् त परमेश्र ने प्रतिज्ञा और उनके पस बुरई पर जय पने की योजन है और वह सब कुछ उद्धारकर्त, प्रभु यीशु मसीह के द्वार पस जीतेग| अनंतकल के परमेश्र, मेरे पित तू अपने वचन में मुझ से कहत है कि तू ह सरे ज्ञान तथ बुद्ध क स्रत है| प् यारे पित, मैं इसे सत् के रूप में स्वीकर करत हूँ, और मैं मँगत हूँ कि तू मुझे स्वर्गी बुद्ध दे, जिससे मैं वचन की सच् चाई को सह र से विभ त कर सकूँ (2 तीमुथियुस 2.15)| कृप कर मुझे निरदे श दें तथ सी एं जिससे मैं उस मार् में ज सकूँ जिसमें मुझे जन हिए (भजन संहित 32.8), और मेरे कदमों क मार् दर्शन करें| मेरे कन को तेर आ ज सुनने की ओर मोडें, और जिस तरह मैं सोचत हूँ और कहत हूँ उस ओर मुझे सह करें, और जब मैं भटक जऊँ तो मेर अगु ई करें| पित, मुझे अच् छ और बुरे में भेद करने वरदन दें, और मुझे अध् यन करने क बल दें जिससे मैं भकतिमय और अभकतिमय शिक्षाओं, आत् माओं, और *शैतान – शैतन दुष्ट क व् यतिगत नम है, जो परमेश्र तथ मनुष् ज क शत्रु है| *मनष् का जोड़ा – आदम और हव् वा की सृष्टि परमेश्र ने पहले पुरुष तथ स्त्री के रूप में , उन्ें परमेश्र के स्वरूप में उनके सथ संबंध रखने के लिए बन ग , अर्थपूर्ण कमों को करने के लिए, और परमेश्र के सिद् संपन् त क आनंद लेने के लिए बन ग |
उद् धेश्
बुद के लिए प् रारंभ क प्रार्थना
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