ववशवास की अच् छी लड़ाई लड़ना - Fight the Good Fight of Faith Hindi, v.2
परिशिष् ट • 155
29.एक विश् वासी जीवन् रूप से पिता, पत्र, और पवित्र आत् म से जड़े हए हैं - 1 . 1.1; इफि. 4.6; रोमि. 8.1; यूहन् ना 14.20; रोमि. 8.9; 1 कुरि. 2.12| 30.एक विश् वासी गभीर या आत् म के पहले फल के सथ आशीषित हुए हैं – इफि. 1.14; 8.23| वे आत् मा में जन् लिए हैं (यूहन् ना 3.6), और आत् मा में लिए हैं (1 कुरि. 12.13), जो पवित्र आत् मा क कम है जिससे विश्वासी मसीह की देह से जुड़ है और "मसीह में" आते हैं, और इसलिये वे वह सब कुछ जो मसीह करत है उसमें भग लेते हैं| सथ में चेल में आत् मा होत है (रोमि. 8.9), आत् मा की प लगी है (2 कुरि. 1.22), उनको अनंतकल तक सुरकषित करन, और आत् मा से भर जन है (इफि. 5.18) जिसकी सेवकई उनके समर् थ् तथ प्रभ कर से छुटकर देत है जो उनके ह्रदय में वह बसत है| 31. एक विश् वासी महिमा पाता है – रोमि. 8.18| वे असीमित परमेश्रत् के कहनी में भग लेते हैं| 32.एक विश् वासी परमेश् र में पूर्ण है – कुलु. 2.9, 10| वे मसीह में जो कुछ है भग लेते हैं| 33.एक विश् वासी के प स हर आत्मक आशीष की पहँच है – इफि. 1.3| दूसरे सभी संपन् त 32 बिन् ओंद में सरणीबद् किए गए हैं इस शब् दावली में ल हैं, "सभी आत् मक आशीषें|"
Made with FlippingBook Online newsletter creator