ववशवास की अच् छी लड़ाई लड़ना - Fight the Good Fight of Faith Hindi, v.2
50 • विश्वास की अच् छी लड़ई लड़न
1. "मझे बप्तस् म लेने की आवश् कता नही है, क् य मझे है? मैंने एक बार लिया था|" एक बहन जिसने फ़िलहल ह मसीह को स्वीकर थ उनके पस न से चर्च करने लगी कि क् या उसे लेने की आवश् कत है, क् ोंकि उन् ोंने बचपन में ह ले थ | बेशक, जब कई वर्ष पहले उसे ग थ, तब वो न ह समझती थी और न ह उन् ोंने मसीह के प्रति स्वंय समर्पण थ, तब वो केवल 12 वर्ष की थी, उसे कुछ मलूम नहं थ कि क् या है, और अब वो पूर र से निश्चय थी कि जब उन् ोंने तब मसीह पर विश्वास नहं करती थी| उस नई वयस्क विश्वासी को तुम क् या सलह दोगे- इस समय उसे पूर्ण जनकर के सथ और उनके विश्वास के स्पष्ट अ और यीशु मसीह को प्रभु एवं उद्धाकर्त के समन पूर्ण समर्पण के सथ क् या उसे फिर लेने की आवश् कत है? 2. मेरे मित्र कहते हैं कि परमेश् र के आशीष को प्राप् करने के लिए मझे "उनका नाम लेना है और उस पर दावा करना" है| जो बाइ ल कहती है उसकी अपेक्षा इस कथन पर कैसे विश् वस किया जाए? एक न विश् वासी कली में भग ले रह थ जहँ मसीह को उत् साहित जत थ कि जीवन में परमेश्र के आशीष को प्त करने के लिए "नम लें और द करें," भौतिकीय आवश् कतओं के लिए, बीमर से चंगई के लिए, और परे नी के बीच भलई पने के लिए| अधिक ध् यान भौतिकीय आशीषों की ओर लग जत थ (धन, स्वस्थ, और संपत्ति), और "मसीह में" हमरे आत् मक आशीषों पर थोड़ा ह ध् यान जत थ| परमेश्र की प्रतिज्ञा के अनुसर मसीह में हमने आत् मक आशीषों को प् त है (उदहरण के लिए इफि. 1.3), कई कली ओं में लोगों के जीवन में परमेश्र के आशीषों पर द करन तथ भौतिकीय वस्तुओं (उदहरण के लिए "स्वस्थ और धन) के बीच संबंध को कैसे समझ सकते हो| परमेश्र की आशीषों तथ देखरेख करने के इन दो क्षे त्रो के बीच महत् को हम कैसे समझ सकते हैं? 3. एक स् थनीय कलीसिया से मझे वह नही मिल सकता है जो मैं चाहता हूँ| मैं जो चाहता हूँ वह शहर के विभिन् कलीसियाओ से प्राप् होता है – कलीसिया A से आराधना, कलीसिया B से शिक्षा, और कलीसिया C से सगति| क् या यह सह है? आज मसीह के कई अनु ओं के बीच "कली बदलते रहन" एक समन् घटित होने ल चीज है| वे इस त पर दृढ विश्वास करते हैं कि उनको एक ह कली में समन् त वह सब नहं मिलेग जो उनको बढ़ने तथ फलने-फूलने के लिए आवश् क है, इस तरह कई मसीह ों ने स्वंय ह "कली से कूदने" क मार् है और वे भिन् समयों में भिन् कली ओं में उपस्थित होते हैं, भिन् शिक्षाओं, कक्षाओं, आर न अवसरों के लिए उपलब् होते हैं| एक संसर में जहँ हर कोई भिन् नों से "अपनी आवश् कतओं को प्त" करने क शौक़न है, विश्वासी भी उसी तर्क को कली में उपस्थिति देकर लगू करने की कोशिश करते हैं| यह इस मत पर बन है कि कोई भी एक कली मसीह ों मसीह पर र की आवश् कतओं को पूर नहं कर सकत है| जो इसे अपनते हैं तर्क देते हैं कि इसक सबसे अच् छा अनुभव उन्ें एक कली में आर न करने से मिलत है, दूसर कली में सन् दे सुनने से, और छोटे समूहों
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