ववशवास की अच् छी लड़ाई लड़ना - Fight the Good Fight of Faith Hindi, v.2
78 • विश्वास की अच् छी लड़ई लड़न
में हमें उन द ों को जीन है तथ उस सच् चाई क ग ह बनन है जिससे दूसरे देख सके | प्रेरित यूहन् ना उनके पहले पत्री में इसक एक उदहरण देत है: हम ने प्रेम इसी रीति से जन कि उन् ोंने हमरे लिये अपनी जन द; और हमें भी अपने भइयों के लिये ण देन हिए| पर जिस किसी के पस संसर की संपत्ति हो और वह अपने भई को कंगल देखकर उस पर तरस न न हे, तो उसमें परमेश्र क प्रेम कैसे बन रह सकत है? हे लकों, हमें वचन और कथनी में ह नहं, पर कम और सत् के द्वार भी प्रेम करन है (1यूहन् ना 3.16-18)| विश्वासियों के लिए इबिल उनके बुलहट को विक प्रेम बनने के लिए पर्यप्त है (रोम. 12.9), जो दूसरों के प्रति हमर से को त है (गल. 5.13), यह न केवल अच् छ शब् ों में है परन् त व् यावहरिक क्रिया में भी है ( कूब 2.15-17)| आपको क् ों ऐस लगत है कि प्रभु इस त पर बहुत अधिक महत् देते है कि हमरे प्रेम क प्रदर्शन होन है, न केवल शब् ों में, परन् त व् हरिक अच् छ कमों में जिन्ें लोग देख सकते हैं तथ अनुभव कर सकते हैं? अब हमें सोचन है कि किस तरह ये गतिशील इबिल संबंधित सच् चाई आपके जीवन को प्रभवित कर सकती है| क् ोंकि आप यीशु मसीह में विश्वास से परमेश्र के अतिप्रिय सन् तान बन गए हैं, आपको परमेश्र क अनुकरण करने के लिए बुल ग है, और संत, परमेश्र के पवित्र जन होने के लिए बुल ग है| उन तरकों के रे में सोचें जिसमें आपक वर्तमन ल-चलन दिखत है, आप दूसरों के सथ कैसे तें करते हो तथ प्रतिक्रिया करते हो, आप कैसे पर र के सदस्यों तथ मित्रों से संबंध रखते हो, और कैसे आप दूसरों क ध् यान रखते हो| पवित्र आत् मा से बल तथ बुद्ध मँगे जिससे आप निरंतर परमेश्र के बुलहट के सथ उन लोगों के सथ जी सके जिनसे आप संबंध रखते है | किन चीजों को आपको छोडने की आवश् कत है जो आपको मसीह के सथ परमेश्र के अनुभव को रोकते हैं, और दूसरों पर आपकी ग ह के विषय पर गलत प्रभ छोडते हैं| सथ में, आप मसीह के एक रजदूत है, और आप जो कहते है करते है उनके रज् में मसीह को प्रस्तुत करते है| किस तरह से आप दूसरों के सथ अच् छ से जुड सकते है जिसकी वजह से आपसे उनको मसीह क स्पष्ट चित्र मिलत है, कि उनक रज् क् या है? ईमनदर होने से डरे नहं| आपको कुछ चीज़ बिलकुल ह रोक देनी बंद करनी है, हो सकत है आपको कुछ बर्ताव संबंध में परिवर्तन लन पड सकत हैं| परमेश्र आपको निरंतर कुछ करने के लिए कह सकते है, आपको दूसरों के सथ इसे र र करने के लिए कह सकते है| आत् मा के प्रति निवेदित रहें जब वह आप से आपके संत होने और रजदूत होने के विषय में तें करते हैं, और फिर जिस किसी चीज की वह आज्ञा देते है उसे करें| द रखें, धार्मक जीवन समन् आज्ञाकरित है जिसे अनगिनत छोटे कार् यों में दिन प्रतिदिन दुहर ग है| परमेश्र से इस तरह त करें जैसे वह आपसे तें करते है, और परमेश्र के संत होने और मसीह के रजदूत होने के आपके नये परिचय में जीवन जीयें|
सबध
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