ववशवास की अच् छी लड़ाई लड़ना - Fight the Good Fight of Faith Hindi, v.2

84 • विश्वास की अच् छी लड़ई लड़न

हम में से हर कोई बुरे कम करने के लिए उकसे जते हैं, ऐसी चीजें संसरिकत से जुड़ी हुई हैं उनक आत् मक जीवन मसीह समुद में कोई न नहं है, और उन विषयों के विषय में प्रेरितों ने उनके पत्रियों में है: जैसे कि व् यभिचार, अशुद्त, कम- सन, बुर इच् छायें तथ लोभ| सचमुच में, हमें उन चीजों से मुक् होन है जो चीजें वृद्ध नहं लती हैं (उदहरण के लिए, वे चीजें जो हमरे आत् मक ल-चलन को नष्ट करती हैं), ऐसे चीजें क्रो, गु , द्व ष, दोष लगन, और गन् दी भष हैं| जैस कि हमने हमरे पिछले पठ में सी है, हम सचमुच में परमेश्र के संत हो गए हैं, और जहँ कहं हम जते हैं मसीह के रजदूत होने के लिए बुले गए हैं| अब हम दूसरों की उन् नत करने के लिए जीते हैं, न उन्ें नष्ट करने के लिए यीशु के प्रति उनके प्रेम से उन्ें अलग करने के लिए| वस्तुत: हमें प्रार् न करने के द्वार, आत् मक रूप से वृद्ध के द्वार, कली में आपस में एक दूसरे को बड़ाते हुए, हमरे आत् मक अगुवों क अनुसरण करने के लिए बुल ग है त वे हमर मार् दर्शन उनकी शिक्षा तथ उदहरण के द्वार करते रहे| परमेश्र के चुने हुए लोग होने के करण, हम नित् प्रयत्न करते है आपस में प्रेम, नये तरकों से आत् मक जीवन जीने के और सोचने के तरके सीखते हैं त कैसे हम करुण, नम्रत, कोमलत, और धीरज में जीयें| सर्वपरि दूसरों के लिए हमर प्रेम ऐस हो कि वह एक दूसरे के प्रति हमर संपर्क कैस है एं | ऐस करने के द्वार, हम सभी चीजों में मसीह को प्रसन् करेंगे| आत्मक उन् ति हमारी खोज पाठ 6 बाइ ल अध् यन निम् नलिित पवित्र स्त्र को पें तथ इससे जुड़े हुए हर इबिल संबंधित शिक्षा के प्रश्नो क उत्तर संकषिप्त में दें| 1. परमेश्र के कहनी में पित, पुत्र और पवित्र आत् मा क कम शामि ल है, जैसे कि इबिल, पवित्र पवित्र स्त्र में बत ग है| मसीह में विश्वास करने के द्वार, हम उस कहनी में भगी बनते हैं, इसके रे में हम हमरे "धर्मविज्ञान" में सोचते हैं, हमरे आर न में गते और प्र र करते हैं, और ऐसे ह हमर शिष् त में यह आकर लेत है, और हमरे ग ह में इसके रे में हम दूसरों को बतते हैं| निम् नलिित पवित्र स्त्र को पढ़ें तथ परिशिष्ट में देखें "परमेश्र की कहनी: हमरे पवित्र जडें," और नीचे इससे जुड़ हुए प्रत् कय प्रश् क उत्तर दें| हमारे उद्धेश् का नीव: परमेश् र का सरवोच् प्रेम a . यूहन् ना 3.15-18| सृष्टि के मुकति तथ उद्धार के कहनी में पित ने कौन सी भूमिक को निभ है? b . 2 कुरि. 5.18-21| हमरे उद्धार की कहनी में यीशु ने कौन सी भूमिक को निभ है?

Made with FlippingBook Online newsletter creator