ववशवास की अच् छी लड़ाई लड़ना - Fight the Good Fight of Faith Hindi, v.2

पठ 6 आत् मिक उन • 83 कभी मंग नहं हैं, और इसे कम नहं है| तुम क् ों सोचते हो कि क् ों यह आवश् क है कि लोगों को पवित्र स्त्र से इसक आ रभूत सन् दे प् त होन हिए? हे वे कोई भी क् ों न हों, जो कुछ भी उन् ोंने क् ों न हो, और जहँ कहं भी वे क् ों न हों, "परमेश्र क अनुग्ह," उसक रजकीय प्रेम तथ उनके लोगों के लिए उनकी द को समझने से उन्ें क् या रोकत है? 3. "कैसे हमारें पासबान इन लोगों की अगवाई कर सकते है? मैं कभी भी उन्ें जान नही पाया हूँ|" एक महत् पूर्ण चीज जिसे परमेश्र उनके वचन में रम् बार कहते है वह यह है कि जब हम धार्मक पस न तथ अगुवों के द्वार उपलब् शिक्षा और उदहरण क अनुसरण करते हैं तो हम बढ़ते है| हलंकि, कुछ कली ओं में, पस न एक बड़ समूह में विश्वासियों की अगु ई करते है, संभवत वे सैकडों हजरों में हो सकते हैं| कली में कई विश्वासी होने के करण और पस न के पस कई ज़ म् म दरियों के वजह से, प्रत् य क विश्वासी एवं वि हित जोड़ा और पर र के लिए पस न के सथ घनिष्टत न होने की शिक त रहती है| एक न विश्वासी कहत है, "तुम् हार पस नी अच् छ से हो रह है, इसक चिन् है कि आप आपके पस न को अच् छ से जनते है, तब तो द मेर कभी भी कोई पस न नहं सकत |" "कैसे मेर पस न इन सब की अगु ई कर सकत है| मैं कभी भी उसे जन नहं प हूँ|" इस ज न विश्वासी को उत् साहित करने के लिए तुम क् या कहोगे जो अपने विवेक से कभी समझ नहं प कि पस नी देखरेख क अर्थ क् या होत है, आज की कली में यह कैसे होग? पिछले सत्र में ( उत् मता हम दिखाते हैं ) आपने सी है कि हमें अतिप्रिय बच् ों के समन मसीह को प्रस्तुत करन है, परमेश्र के संत तथ मसीह के रजदूत के समन पप में पतित संसर में जीन है| अब तुम इस त की नबीन करोगे कि नीय कली में पस नी अगु ई के अधीन और आपसी समर्पण से विश्वास में बढ़ने के लिए हमरे लिए परमेश्र की इच् छा क् या है, त हम विश्वास की अच् छी लड़ाई लड सके | यीशु हते है कि विश्वासीयों में एकत हो और वे एक दूसरे के लिए समर् पित हो| हम हर स ह आर न के लिए एकत्रित होते हैं, और इबिल अध् यन छोटे समूहों में एक सथ मिलते हैं जिससे आपस में हम वृद्ध प सके| हम विश्वासियों को एक दूसरे को अच् छी प्रकर से जनन है| हमें सीखन है कि किस तरह हम एक दूसरे के सथ समय बित सके, आनंद कर सके, और मसीह क अनुसरण करने के लिए एक दूसरे को उत् साहित कर सके | विश्वासियों को, मसीह के देह के रूप में वृद्ध पने के लिए हमरे वरदनों, प्रेम, मित्रत, क इस्तेमल करने और हमरे ल-चलन के द्वार मसीह जीवन जीने के लिए बुल ग है | इसके अल , हमें सचेत होन है की हम एक दूसरे को प्रेम तथ अच् छ कमों को करने की चुनौती दे, और इससे पहले कि हम मसीह में विश्वास से परमेश्र के लोग बने हम पहले जिन बुरे चीजों से जुड़ हुए थे उनक तिर र करन है|

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