ववशवास की अच् छी लड़ाई लड़ना - Fight the Good Fight of Faith Hindi, v.2

82 • विश्वास की अच् छी लड़ई लड़न

हिए (भ. सं. 32.8), और मेरे कदमों क मार् दर्शन करें| आपकी आ ज सुनने के लिए मेरे कनों को नियंत्रित करे, और जिस तरह मैं बोलने और सोचने के तरके को सु रें, और जब मैं भटक जऊं तो मेर अगु ई करें| पित, मुझे सह और गलत में भेद करने क वरदन दे, और मुझे बल दे जिससे मैं धार्मक, धर्महन शिक्षाओं, आत् माओं, और वरदनों के बीच भिन् त करने के रे में जनने क अध् यन कर सकूँ| पवित्र आत् मा के द्वार मुझे एँ कि आपकी इच् छा क् या है, और मुझे अंतर्दृ ष्टि दें कि कैसे मैं सम् पू र् ह्रदय से आपकी इच् छा को आगे बड़ा सकूँ| प् यारे पित, कृप कर मेर मदद करें जिससे मैं तत् रत से सुन सकूँ और ध् यान दे सकूँ, बोलने में धीर, और क्रो करने में देर कर सकूँ ( कूब 1.19)| मेरे मुँह के वचन और मेरे ह्रदय के वि र आपकी दृष्टि में ग्हणयोग् हो| आपकी सच् चाई को बुद्धम के सथ बोलने की मुझे आज्ञा दें जिससे जितनों के सथ मैं तें करूँ वे इसे समझ सकें तथ आपकी सच् चाई से लभ न बने| इस अध् यन में मुझे सीें जैसे मैं आपके वचन तथ निरदे श स्वीकर करत हूँ| इन चीजों को मेरे प्रभु तथ उद्धारकर्त यीशु के बल न नम से मँगत हूँ, अमीन| कई लोगों क अनुभव क ी बुर हैं| सम् या हे कुछ भी हो, क्म न करन, कूडकूड़ान एवं इर् ष्या, ग़लतफ़हमी तथ व् यतिगत चोट, इन चोटों ने उन्ें अन् किसी मंडली में भग लेने और नये परिस्थिति में फिर से शुरू से बढ़ने से रोक | अब तुम जो कुछ जनते हो उस पर आ रित होकर, एक नये विश्वासी को कैसे सुझ दोगे कि उन्ें मसीह में बढ़ने के लिए कली जन हिए, विशेषकर यदि तुम इस त को जनते हो कि उन् ोंने दूसर कली में दर्द नक अनुभव प है? 2. " यह मैं विश् वस नही कर सकता हूँ कि बाइ ल परमेश् र की सृष्टि तथा मनष् जाति को बचाने के बारे में एक निरंत र कहानी है! मनष् के रूप में हम कैसे प्रेमी परमेश् र की सेवा करते हैं|" तुम जनते हो कि इबिल को दो नियमों में ट ग है (हिब्र पवित्र स्त्र, जिसमें 39 पुस्तकें है, उत् पत्त से लेकर मलकी तक), और मसीह न नियम (मत्ती से लेकर प्रकशित क् , 27 पुस्तकें)| जो तुम नहं जनते हो वह यह है कि इबिल पुस्तकों क ग्रथलय है, में यह केवल एक कहनी के कई भग है, जो परमेश्र क महन प्रेम, जो उनकी सृष्टि तथ मनुष् ज के प्रति है उसे बतती है| यह केवल मनव ज के प्रति परमेश्र क महन प्रेम तथ समर्पण है जिसके द्वार हमें उद्धार मिल हैं| इस दृष्टिकोण से, मसीह जीवन दूसरे धर्म से भिन् है| विकत यह है कि धर्म अभ् यासों, विश्वासों, उपदेशों पर केन् द्त है जिनक अनुसरण लोगों को सिद्त के स्तर तक पहुँचने, आशीष पने, रूपंतरित होने, और सुरक्षा प्त करने के लिए करन पडत है| दूसर ओर मसीह जीवन, परमेश्र के द्वार मनुष् ज को ग उद्धार है यद्धप वे इसके योग् नहं हैं, इसको 1. "पहले के बरे अनभवों के कारण, मैं कलीसिया में नही जाता हूँ|" दुर्भग् यव, बहुत से लोगों ने कली ओं में भग और उनमें से

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