ववशवास की अच् छी लड़ाई लड़ना - Fight the Good Fight of Faith Hindi, v.2
136 • विश्वास की अच् छी लड़ई लड़न
इसलिये उसने एक ऐसे जाति को बनाया जिससे उसका शासक आने वाला था| और इसलिये, नूह के द्धार, उसने स्वंय संसर को उसकी बुरई से , और अब्राहम के द्धार उसने एक ऐसी ज क चुन जिसके मध् म से उसक वंश आने पर थ| इसहक के द्धार, उसने अब्राहम के प्रतिज्ञा को बने र , और कूब (इस्राएल) के द्धार उसने उसके रष्ट्र को त , और उस गोत्र की पह न जिसमें से होकर वह आने ल थ| मूस के द्धार उसने उसके स्वंय के लोगों को उत् पडन से छुड़ और उन्ें उसके संबंधी व् यवस् था को , और यहोशू के द्धार उसने उसके लोगों को प्रतिज्ञा के भूमि पर लेकर आ | न् यायियों और अगुवों के द्धार उसने उसके लोगों को संभलत है, और दऊद से उसने धी कि उसके घरने से एक ऐस रज लेकर आएग जो सदैव रज् करेग| परमेश्र के प्रतिज्ञा के जूद, उसके लोग समय समय पर उसके से गिरते रहे| उनक पन और निरंतर प्रभु क तिर र करन अंतत: पूरे रष्ट्र को न् याय, आक्मण, उ ड़ फेंकने और बन् आद ई की ओर लेकर ग | द लुत के सथ उसने को स्मरण र और एक बचे हुए पी को पस आने की अनुमति द – क् ोंकि प्रतिज्ञा और कहनी पूर नहं हुआ थ| समय पूरा होने पर, कौन, विजेता के समान, स् वर् से ऊतर आया, क्रूस के द्धारा जीत लिया| कुल मिलकर र सौ वरषों तक त समय थ| फिर भी जब समय पूर हुआ तो परमेश्र ने उसके प्रतिज्ञा को पूर और दुष्ट के रज् में प्रवेश , दुःख उठ , और देह र के रूप में हस्तांतरण हो ग | नसरत के यीशु के व् यतित् में, परमेश्र स्वर्ग से उतर आ और हमरे बीच में जी , पित की महिम को प्रगट , परमेश्र के नैतिक व् यवस् था को पूर , और उसके शब् ों में, कमों में, चमत् कार में, परमेश्र के समर् थ् को प्रगट | क् र स पर उसने हमरे विद्रह को उठ , मृत् य को न कर , शैतन पर जय प , और तीसरे दिन जीवित हुआ जिससे वह गिरे हुए सृष्टि को पुन: पस लेकर आ और पप, बीमर, और मृत् य क अंत करने के लिए और सभी लोगों को जो उद्धार को अपनने ले थे उनके लिए कभी न समप्त होने ले जीवन को | जल् द और बहुत ही जल् द, वह इस ससार में वापस आने वाला है और सब चीजों को नया करने वाला है| पित के दहिनी ओर तक उठ लिए जने के करण, प्रभु यीशु मसीह ने पवित्र आत् मा को इस संसर में भेज, कि दोनों यहूद तथ अन् ज ों के लोगों से एक नये पी , कली को बने | उसके प्र नत की आज्ञा में, उन् ोंने वचन तथ कम में मेल के सुसम र की ग ह सम् पू र् संसर में , और जब वे कम को पूर करेंगे तो वह महिम में पस आयेग और उसके सृष्टि एवं सम् पू र् ों के लिए कम को पूर करेग| जल् दी ह वह पप, बुरई, मृत् ,य और श्राप के प्रभ को सदैव के लिए मिट देग, और सम् पू र् सृष्टि को उसके सह सन में पस लेकर आयेग, जहँ सभी लोग और सम् पू र् सृष्टि सदैव त्रिएक परमेश्र के शान्ति क सृष्टि में आनन् ले सकेंगे| और छुट कारा पाए हए लोग अब से लेकर सदैव तक प्रसन् से रहेंगे. . . अंत
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