ववशवास की अच् छी लड़ाई लड़ना - Fight the Good Fight of Faith Hindi, v.2

70 • विश्वास की अच् छी लड़ई लड़न

अनंतकल के परमेश्र, मेरे पित, आप ने अपने वचन में कह है कि आप ज्ञान तथ बुद्ध के स्रत हैं| प् यारे पित, मैं इसे सच् चाई के रूप में स्वीकर करत हूँ, और आप से मँगत हूँ कि आप मुझ में स्वर्गी बुद्ध को प्रदन करें, जिससे मैं सच् चाई के वचन को सह विभ त कर सकूँ (2 तीमुथियुस 2.15)| कृप कर मुझे निरदे श दें तथ शिक्षा दें कि मुझे किस ओर जन हिए (भजन संहित 32.8), और मेरे कदमों क मार् दर्शन कर| आपकी आ ज सुनने के लिए मेरे कनों को तै र करें, औरमेर बोली और वि र को सह करें, और जब मैं भटक जऊं तो मेर अगु ई करें| पित, मुझे अच् छ और बुरे में भेद करने क वरदन दे, और मुझे बल दे जिससे मैं धार्मक, धर्महन शिक्षाओं, आत् माओं, और वरदनों के बीच भिन् त करने के रे में जनने क अध् यन कर सकूँ| पवित्र आत् मा के द्वार मुझे एँ कि आपकी इच् छा क् या है, और मुझे अंतर्दृ ष्टि दे जिससे मैं अपने सम् पू र् ह्रदय से तेरे उद्ध श् को आगे बड़ा सकूँ| प् यारे पित, कृप कर मेर मदद करें जिससे मैंबोलने में शीघ्रत न करूँ, तत् रत के सथ सुनूं, क्रो करने में उत ली न बरतूँ,( कूब 1.19)| मेरे मुँह के वचन और ह्रदय के वि र आपकी दृष्टि में ग्हणयोग् हो| आपकी सच् चाई को बुद्ध के सथ बोलने की मुझे अनुमति दें जिससे जितनों के सथ मैं तें करूँ वे समझ सकें तथ आपकी सच् चाई से लभ ले सकें| अब इस अध् यन में मुझे सी कि मैं आपसे वचन तथ निरदे श प् त कर सकूँ| मैं इन चीजों को यीशु, जो मेर प्रभु तथ उद्धारकर्त है उनके बल ली नम से मँगत हूँ| अमीन| 1. "यह करने का बल मझे कहाँ से मिलेगा, ताकि मैं उनके समान बन सकूँ?" मसीह जीवन से पूर्व, एक मसीह युवक एक गैंग क सदस्य थ जो एक विशेष ज "गोरे" लोगों से घृण करत थ| जो कुछ उस गैंग ने , जो कुछ कह, और जो कुछ वे करन हते थे वह सम् पू र् विषय इतिहस में गोरे लोगों क दूसरे ज ों के प्रति दुर् व्यहर के विषय में थ और वे गोरों पर दोष लगन हते थे| यह गैंग उन लोगों को जिस किसी तरह से भी हो, नी न हत थ, जो चोट तथ उपद्र, उन् ोंने दूसरों के सथ थ वो हते थे की उन्ें भी इन सब परे ों क समन करन पडें| मन फिरकर तथ मसीह में विश्वास करने के द्वार, इस युवक ने इस समूह और गोरों के प्रति घृण को छोड , परन् त वह इस त से चिंतित थ कि कैसे वह पुरने आदतन तचीत और अपने ल-चलन की ओर पस न लौटें| कुछ समय तक इस तरह के वि रों से परे न होने के द, उन् ोंने कह, "मैं जैस थ वैस नहं बनन हत हूँ, और मैं अच् छ से समझ ग हूँ कि प्रभु हते है कि मैं उनके समन बनूँ| परन् त , कई में, इसे करने क बल मुझे कहँ से प्त होग, मेरे कहने क अर्थ है कि मैं उनके समन कैसे बनूँ?" इस मुददे पर आप इस युवक को जो परे न हो रह है, क् या सलह देंगे?

बुद के लिए आरंभ क प्रार्थना

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